मानव में पहली बार सुअर के हृदय का ट्रांसप्लांट

मानव में पहली बार सुवर के हृदय का ट्रांसप्लांट | जीन एडिटिंग | प्रयोग क्यों महत्वपूर्ण है | पूर्व के प्रयास | First pig to-human heart transplant

वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ रही दिल की बीमारी और मानव अंगों की कमी के बीच अमेरिका के डॉक्टरों ने एक अहम और जटिल ऑपरेशन में चिकित्सा जगत में नई संभावनाओं के लिए द्वार खोल दिए है । अमेरिका के बाल्टीमोर अस्पताल में डॉक्टरों ने जान बचाने के अंतिम प्रयास के तहत 57 वर्षीय एक मरीज में अनुवांशिक बदलाव के बाद सूअर के दिल का प्रत्यारोपण करके एक नया इतिहास रच दिया । परंतु दुर्भाग्यवश ऑपरेशन के दो माह बाद 9 मार्च 2022 को मरीज का देहांत हो गया ।

भले ही यह ऑपरेशन असफल हो गया हो इसकी आंशिक सफलता ने चिकित्सा जगत के लिए नयी संभावनाओ के द्वार अवस्य खोल दिये हैं । हर नयी खोज कई असफलताओं के बाद ही हमको प्राप्त होती है , हो सकता है आने वाले समय में यह असफलता किसी बड़ी सफलता के रूप में हमको प्राप्त हो, और मानव में जानवरों के अंगों के प्रयोग एक नयी हकीकत बन सके ।

मानव में पहली बार सुवर के हृदय का ट्रांसप्लांट

ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर

यह ऑपरेशन डॉक्टर बार्टले ग्रिफिथ ने किया, ऑपरेशन मरीज डेविड बेनट का किया । ऑपरेशन 7 घंटे तक चला तथा ऑपरेशन के 3 दिन बाद मरीज की स्थिति बेहतर बताइ गई है । डॉक्टर बताते हैं कि बैनेट की हालत ऐसी थी कि उनमें मानव हृदय का प्रत्यारोपण नहीं किया जा सकता था।

डॉक्टर ग्रिफिथ – “यह सर्जरी बेहद महत्वपूर्ण थी । हम मानव अंगों की कमी को दूर करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़े हैं”

प्रत्यारोपण के लिए की गई जीन एडिटिंग | gene editing for heart transplant

प्रत्यारोपण से पूर्व डॉक्टरों ने जीन एडीटिंग करते हुए कोशिका में मौजूद तीन जीनों को निकाला, जिनकी वजह से मानव शरीर पशुओं के अंगों का प्रत्यारोपण स्वीकार नहीं करता । साथ ही प्रतिरक्षा को स्वीकार करने वाले 6 जनों को मरीज में लगाया गया ।

यह प्रयोग क्यों महत्वपूर्ण है ?

क्योंकि प्रत्यारोपण के लिए दान किए जाने वाले मानव अंगों की मांग अत्यधिक है परंतु उपलब्ध अंगों की भारी कमी है । इस संबंध में यह प्रत्यारोपण चिकित्सकों को यह पता लगाने के लिए प्रेरित करता है कि जानवरों के अंगो का उपयोग मानव के लिए कैसे किया जा सकता है, तथा भविष्य में इससे लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है ।

हृदय ट्रांसप्लांट पूर्व के प्रयास | How long can a human live with a pig heart

सूअर के दिल का वाल्व इससे पूर्व में भी दर्शकों से मानव में इस्तेमाल किया जाता रहा है । मरीज बेनेट भी एक दशक पहले एक ऐसा ही वॉल्व लगवा चुके थे । 1984 में एक बच्चे ‘बेबी फे’ में बबून का दिल प्रत्यारोपित किया गया था परंतु वह 21 दिन से ज्यादा जीवित नहीं रह सका।

सूअर के अंगो के मानव में पूर्व में हुए प्रत्यारोपण

न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के सर्जनस ने पिछले वर्ष सितंबर में एक जेनेटिकली मोडिफाइड सूअर की किडनी को एक ब्रेन डेड मानव में प्रत्यारोपण किया था । ऐसा ही दूसर किडनी प्रत्यारोपण इसी विश्वविद्यालय में नवंबर 2021 में किया गया था, जो कि एक व्यक्ति जो वेंटिलेटर पर था उस पर किया गया था । जेनेटिक मोडिफिकेशन मनुष्य के इम्यून सिस्टम द्वारा प्रत्यारोपित अंग को अस्वीकार किए जाने से बचाने के लिए किया जाता है । यह प्रत्यारोपण यह जानने के लिए किए गए थे कि जेनेटिकली मोडिफाइड सूअर के अंग मानव में प्रत्यारोपण के लिए कितने सही है तथा कितने अच्छे से कार्य कर सकते हैं और शरीर के द्वारा अस्वीकार तो नहीं किए जाते ।

जेनोट्रांसप्लांटेशन क्या है ?

जेनोट्रांसप्लांटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी पशु (non-human) से जीवित कोशिकाओं, उत्तकों या अंगों को किसी मानव प्राप्तकर्ता में प्रत्यारोपित किया जाता है । जेनो ट्रांसप्लांटेशन में मनुष्य में प्रत्यारोपण के लिए अंगों की गंभीर कमी को दूर करने की क्षमता है । हालांकि इसके व्यापक प्रयोग तथा अनुप्रयोगों में कई बाधाएं मौजूद है । जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है मानव के प्रतिरक्षा तंत्र द्वारा अंगों को अस्वीकार कर दिया जाना जिसके लिए अब जेनेटिक इंजीनियरिंग का सहारा लिया जा रहा है । इसके लिए अब जेनेटिक मॉडिफाइड पशुओं को भी पाला भी जा रहा है ।

जेनोट्रांसप्लांटेशन की स्वीकार्यता के बढ़ने के कारण

वर्ष 2021 में अमेरिका में 4000 लोगों को हृदय प्रत्यारोपण के लिए मानव हृदय उपलब्ध हुए थे , जबकि इसकी आवश्यकता कहीं ज्यादा थी । मानव अंगों में प्रत्यारोपण हेतु सर्वाधिक मांग किडनी की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में लगभग 180000 प्रतिवर्ष किडनी फेलियर के केस आते हैं जबकि केवल 6000 ट्रांसप्लांट ही किए जाते हैं । प्रतिवर्ष लगभग 25000 से 30000 लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता भारत में होती है जबकि केवल 1500 ही किए जाते हैं । वही लगभग 50000 लोग हार्ट फेलियर से गुजरते हैं और उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है । जबकि केवल 10 से 15 ट्रांसप्लांट ही भारत में प्रतिवर्ष किए जाते हैं ।

जेनोट्रांसप्लांटेशन में चुनौतियां | challenges xenotransplantation

ऑर्गन हार्वेस्टिंग (मानव में प्र्त्यर्पण के लिए जीवों को पालना )  को अंगों की कमी के एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, परंतु इसमें वैज्ञानिक तथा नैतिक चुनौतियां मौजूद है । वैज्ञानिक चुनौतियों के रूप में सर्वप्रथम जेनेटिक मोडिफिकेशन के द्वारा अंगों के प्रत्यारोपण की सफलता को सुनिश्चित करना आवश्यक है । वही माननीय लाभ के लिए जीवो को पैदा करना और उनकी हत्या करना एक अनैतिक कृत्य भी है जिसे सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता ।

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